Law4u - Made in India

अतिरिक्त कर भुगतान की वापसी के लिए क्या प्रावधान हैं?

Answer By law4u team

भारत में, यदि आपने अतिरिक्त कर का भुगतान किया है, तो आप आयकर विभाग से रिफंड का दावा कर सकते हैं। अतिरिक्त कर भुगतान की वापसी के प्रावधानों का आयकर अधिनियम, 1961 के तहत विस्तृत विवरण दिया गया है। यहाँ प्रक्रिया और प्रासंगिक प्रावधानों का चरण-दर-चरण अवलोकन दिया गया है: 1. आयकर अधिनियम, 1961 धारा 239: यह धारा उन मामलों में कर की वापसी से संबंधित है जहाँ अतिरिक्त कर का भुगतान किया गया है। यह करदाताओं को वापसी का दावा करने की अनुमति देता है यदि भुगतान किया गया कर वास्तविक कर देयता से अधिक है। धारा 244A: वापसी राशि पर ब्याज के भुगतान का प्रावधान करती है। यदि वापसी में देरी होती है, तो अतिरिक्त कर के भुगतान की तारीख से वापसी की तारीख तक वापसी राशि पर ब्याज देय होता है। 2. वापसी का दावा करने की प्रक्रिया आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना: सटीकता: सुनिश्चित करें कि आपका ITR सटीक रूप से दाखिल किया गया है और आपकी आय, कटौती और कर भुगतान का सही विवरण दर्शाता है। रिफंड क्लेम: अपना ITR दाखिल करते समय, यदि आपने अतिरिक्त कर का भुगतान किया है, तो आप स्वचालित रूप से रिफंड के लिए पात्र होंगे, जिसे आपके रिटर्न में दी गई जानकारी के आधार पर संसाधित किया जाएगा। ITR की प्रोसेसिंग: मूल्यांकन: आयकर विभाग आपके ITR को प्रोसेस करेगा। इसमें दिए गए विवरणों को सत्यापित करना और देय या वापसी योग्य कर की गणना करना शामिल है। सत्यापन: आपको इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (EVC) के माध्यम से या आयकर विभाग को हस्ताक्षरित ITR-V फ़ॉर्म भेजकर अपने रिटर्न को सत्यापित करने की आवश्यकता हो सकती है। रिफंड जारी करना: रिफंड ऑर्डर: एक बार मूल्यांकन पूरा हो जाने के बाद, आयकर विभाग अतिरिक्त कर पाए जाने पर रिफंड ऑर्डर जारी करेगा। रिफंड का तरीका: रिफंड आम तौर पर करदाता के बैंक खाते में सीधे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के माध्यम से जारी किया जाता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपके बैंक खाते का विवरण आपके आयकर रिकॉर्ड में सही ढंग से अपडेट किया गया हो। रिफंड पर ब्याज: ब्याज की गणना: यदि रिफंड की प्रोसेसिंग में देरी होती है, तो आप सेक्शन 244A के अनुसार रिफंड राशि पर ब्याज प्राप्त करने के हकदार हैं। ब्याज की गणना अतिरिक्त कर के भुगतान की तिथि से लेकर रिफंड की तिथि तक की जाती है। 3. आवश्यक दस्तावेज आयकर रिटर्न (आईटीआर) रसीद: रिटर्न दाखिल करने का प्रमाण। रिटर्न की पावती: यदि लागू हो तो आईटीआर-वी की एक प्रति। बैंक विवरण: सुनिश्चित करें कि आपके बैंक खाते का विवरण आयकर विभाग के रिकॉर्ड में अद्यतित है। 4. ट्रैकिंग और फॉलो-अप स्थिति ट्रैकिंग: आप आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से या केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) से संपर्क करके अपने रिफंड की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। शिकायत निवारण: यदि रिफंड में कोई अनुचित देरी या कोई समस्या है, तो आप ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं या आयकर विभाग की ग्राहक सेवा सेवाओं से संपर्क कर सकते हैं। 5. अतिरिक्त विचार सुधार: यदि आपको रिफंड प्रक्रिया में कोई विसंगतियां मिलती हैं या आपके रिटर्न में कोई त्रुटि है, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 154 के तहत सुधार अनुरोध दायर कर सकते हैं। ऑडिट और सत्यापन: कुछ मामलों में, रिफंड ऑडिट या अतिरिक्त सत्यापन प्रक्रियाओं के अधीन हो सकते हैं, जिससे रिफंड जारी करने में देरी हो सकती है। इन चरणों का पालन करके और अपने कर रिटर्न को सटीक और समय पर दाखिल करके, आप किए गए किसी भी अतिरिक्त कर भुगतान के लिए कुशलतापूर्वक रिफंड का दावा कर सकते हैं।

रेवेन्यू Verified Advocates

Get expert legal advice instantly.

Advocate Bhumi Maurya

Advocate Bhumi Maurya

Anticipatory Bail, Cheque Bounce, Court Marriage, Criminal, Divorce, Documentation, Domestic Violence, Family, Property, Succession Certificate

Get Advice
Advocate A R Qureshi

Advocate A R Qureshi

Anticipatory Bail, Arbitration, Breach of Contract, Cheque Bounce, Civil, Consumer Court, Court Marriage, Divorce, Domestic Violence, Family, Insurance, Motor Accident, Muslim Law, Property, Recovery, RERA, Succession Certificate, Wills Trusts, Revenue

Get Advice
Advocate Gandhi

Advocate Gandhi

Civil, Anticipatory Bail, Criminal, Motor Accident, Consumer Court

Get Advice
Advocate Thakur Nischay Singh

Advocate Thakur Nischay Singh

Corporate, Divorce, Domestic Violence, High Court, Immigration, International Law, Medical Negligence, Succession Certificate, Supreme Court, Revenue, Anticipatory Bail, Cyber Crime, Criminal

Get Advice
Advocate Narendra Sharma

Advocate Narendra Sharma

Banking & Finance, Consumer Court, Divorce, Family, Insurance, Criminal, Cheque Bounce, Court Marriage, Medical Negligence, Motor Accident

Get Advice
Advocate Sarla Choudhary

Advocate Sarla Choudhary

Civil, Divorce, High Court, Family, Criminal, Anticipatory Bail, Domestic Violence

Get Advice
Advocate Ritesh Srivastwa

Advocate Ritesh Srivastwa

Criminal,Family,Cheque Bounce,Court Marriage,Motor Accident,

Get Advice
Advocate Bishnoi Dinesh Kumar

Advocate Bishnoi Dinesh Kumar

Corporate, GST, Tax, Arbitration, Revenue

Get Advice
Advocate Ajay Singh Sikarwar

Advocate Ajay Singh Sikarwar

Cheque Bounce, Civil, Criminal, Family, Motor Accident

Get Advice
Advocate Akshay Kumar Soni

Advocate Akshay Kumar Soni

Anticipatory Bail, Family, Criminal, Motor Accident, GST, Cheque Bounce, Consumer Court, Civil, Breach of Contract, Divorce, Cyber Crime, Domestic Violence, High Court, Labour & Service, R.T.I, Court Marriage, Muslim Law, Child Custody

Get Advice

रेवेन्यू Related Questions

Discover clear and detailed answers to common questions about Breach of Contract. Learn about procedures and more in straightforward language.